Friday, August 3, 2018

अब हम कइसे चली डगरिया लोगवा नजर लगावेला

हम त खेलत रहनी अम्माजी के गोदिया कर गइल तबहि बिआह रे बिदेसिया 
छवरे महिना कहिके गइले कलकतवा बीत गइल बारह बारिस रे बिदेसिया
अब त लगल मोरा सोरहवा साल लोगवा नजर लगावेला
अब हम कइसे चली डगरिया लोगवा नजर लगावेला 
पूरब देश गइल मोरे सइया बैठ गइल बिसराय
रैन अन्हरिया टिप टिप बरसे रिस रिस जिया रिसाय
घर घर सब बतियावेला
अब हम कइसे कही नगरिया लोगवा नजर लगावेला
अब हम कइसे चली डगरिया लोगवा नजर लगावेला
बाग़ बगइचा महुआ फुले अमवा जब मोजराय
पापी पपीहा बोलिया मारे जियरा मोरा जराय
मन मोरा डूबत जाला ला

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