Wednesday, September 20, 2017

हुस्न-ए-जाना इधर आ, आईना हू मै तेरा

हुस्न-ए-जाना इधर आ, आईना हू मै तेरा
मई सवारुन्गा तुजे, सारे गम दे दे मुजे
भीगी पलके ना जूका, आईना हू मै तेरा

कितने ही दाग उठाए तूने
मेरे दिनरात सजाये तूने
चूम लू आ मै तेरी पलको को
दे दू ये उम्र तेरी जुल्फो को
ले के आखो के दिए, मुस्कुरा मेरे लिए
मेरी तसवीर-ए-वफ़ा, आईना हू मै तेरा

तेरी चाहत है इबादत मेरी
देखता रहता हू सूरत तेरी
घर तेरे दम से है मंदिर मेरा
तू है देवी, मै पुजारी तेरा
सजदे सौ बार करू, आ तुजे प्यार करू
मेरी आगोश मे आ, आईना हू मै तेरा

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