Wednesday, September 20, 2017

आ लौट के आजा मेरे मीत तुझे मेरे गीत बुलाते हैं

आ लौट के आजा मेरे मीत तुझे मेरे गीत बुलाते हैं
मेरा सूना पड़ा रे संगीत तुझे मेरे गीत बुलाते हैं

बरसे गगन मेरे बरसे नयन देखो तरसे है मन अब तो आजा
शीतल पवन ये लगाए अगन
ओ सजन अब तो मुखड़ा दिखा जा
तूने भली रे निभाई प्रीत
तूने भली रे निभाई प्रीत तुझे मेरे गीत बुलाते हैं
आ लौट...

एक पल है हँसना एक पल है रोना कैसा है जीवन का खेला
एक पल है मिलना एक पल बिछड़ना
दुनिया है दो दिन का मेला
ये घड़ी न जाए बीत
ये घड़ी न जाए बीत तुझे मेरे गीत बुलाते हैं
आ लौट...

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