Tuesday, September 19, 2017

जोगी मत जा पाँव पड़ूँ मैं तोरी

जोगी मत जा पाँव पड़ूँ मैं तोरी
मत जा मत जा मत जा जोगी
पाँव पड़ूँ मैं तोरी
प्रेम भक्ति को पंथ ही न्यारो
हम को ज्ञान बता जा
चंदन की मैं चिता रचाऊँ
अपने हाथ जला जा
मत जा मत जा मत जा जोगी ...
जल जल भई भस्म की ढेरी
अपने अंग लगा जा जोगी
मीरा के प्रभू गिरिधर नागर
ज्योत में ज्योत मिला जा जोगी
मत जा मत जा मत जा जोगी ...

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