Monday, September 18, 2017

वन पाखी : मन फूला फूला फिरे जगत् में, कैसा नाता रे।

वन पाखी : मन फूला फूला फिरे जगत् में, कैसा नाता रे।: मन फूला फूला फिरे जगत् में, कैसा नाता रे। माता कहै यह पुत्र हमारा, बहन कहे बीर मेरा। भाई कहै यह भुजा हमारी, नारि कहे नर मेरा।। जगत में कैसा...

No comments:

Post a Comment

अब लौं नसानी, अब न नसैहों।

अब लौं नसानी, अब न नसैहों। रामकृपा भव-निसा सिरानी जागे फिर न डसैहौं॥ पायो नाम चारु चिंतामनि उर करतें न खसैहौं। स्याम रूप सुचि रुचिर कस...