हँसि हँसि पनवा खियवले बेइमनवा, कि अपना बसे रे परदेस!
कोरी रे चुनरिया में दगिया लगाइ गइले, मारी रे करेजवा में तीर!!
हे ऽ ऽ ऽ ऽ दोहाई हऽ दोहाई हऽ
हे ऽ ऽ ऽ ऽ दोहाई हऽ दोहाई हऽ
कजरी नजरिया से खेलइ रे बदरिया, कि बरसइ रकतवा के नीर!
दरदी के मारे छाइ जरदी चनरमा पे, गरदी मिली रे तकदीर!!
तकदीर दोहाई हऽ दोहाई हऽ
चढ़ते फगुनवा सगुनवा मनावइ गोरी, चइता करे रे उपवास!
गरमी बेसरमी ना बेनिया डोलाये माने, डारे सँइया गरवा में फाँस!!
हो हँसि हँसि पनवा खियवले बेइमनवा, कि अपना बसे रे परदेस!
कोरी रे चुनरिया में दगिया लगाइ गइले, मारी रे करेजवा में तीर!!
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