लग जा गले कि फिर ये हसीं रात हो न हो शायद फिर इस जनम में मुलाक़ात हो न हो लग जा गले से ... हमको मिली हैं आज, ये घड़ियाँ नसीब से जी भर के देख लीजिये हमको क़रीब से फिर आपके नसीब में ये बात हो न हो फिर इस जनम में मुलाक़ात हो न हो लग जा गले कि फिर ये हसीं रात हो न हो पास आइये कि हम नहीं आएंगे बार-बार बाहें गले में डाल के हम रो लें ज़ार-ज़ार आँखों से फिर ये प्यार कि बरसात हो न हो शायद फिर इस जनम में मुलाक़ात हो न हो लग जा गले कि फिर ये हस्सीं रात हो न हो शायद फिर इस जनम में मुलाक़ात हो न हो लग जा गले कि फिर ये हस्सीं रात हो न हो
Monday, January 21, 2019
लग जा गले कि फिर ये हसीं रात हो न हो
हम थे जिनके सहारे, वो हुए ना हमारे
हम थे जिनके सहारे, वो हुए ना हमारे डूबी जब दिल की नय्या, सामने थे किनारे हम थे जिनके सहारे ... क्या मुहब्बत के वादे, क्या वफ़ा के इरादे रेत की हैं दीवारें, जो भी चाहे गिरा दे जो भी चाहे गिरा दे हम थे जिनके सहारे ... है सभी कुछ जहाँ में, दोस्ती है वफ़ा है अपनी ये कमनसीबी, हमको ना कुछ भी मिला है हमको ना कुछ भी मिला है हम थे जिनके सहारे ... यूँ तो दुनिया बसेगी, तनहाई फिर भी डसेगी जो ज़िंदगी में कमी थी, वो कमी तो रहेगी वो कमी तो रहेगी हम थे जिनके सहारे ...
मैं तेनु समझावां की
मैं तेनु समझावां की
ना तेरे बिना लागदा जी
ना तेरे बिना लागदा जी
मैं तेनु समझावां की
ना तेरे बिना लागदा जी
तू की जाने प्यार मेरा
मैं करूँ इंतजार तेरा
तू दिल तूयों जान मेरी
ना तेरे बिना लागदा जी
तू की जाने प्यार मेरा
मैं करूँ इंतजार तेरा
तू दिल तूयों जान मेरी
मैं तेनु समझावां की
ना तेरे बिना लागदा जी
तू की जाने प्यार मेरा
मैं करूँ इंतजार तेरा
तू दिल तूयों जान मेरी
मैं तेनु समझावां की
ना तेरे बिना लागदा जी
ना तेरे बिना लागदा जी
तू की जाने प्यार मेरा
मैं करूँ इंतजार तेरा
तू दिल तूयों जान मेरी
मैं तेनु समझावां की
ना तेरे बिना लागदा जी
मेरे दिल ने चुनलैया ने
तेरे दिल दियां राहां
तू जो मेरे नाल तू रहता
तुरपे मेरीया साहा
जीना मेरा होए
हुण्ड है तेरा की मैं करां
तू कर ऐतबार मेरा
मैं करूँ इन्तेजार तेरा
तू दिल तूयों जान मेरी
मैं तेनु समझावां की
ना तेरे बिना लागदा जी
तेरे दिल दियां राहां
तू जो मेरे नाल तू रहता
तुरपे मेरीया साहा
जीना मेरा होए
हुण्ड है तेरा की मैं करां
तू कर ऐतबार मेरा
मैं करूँ इन्तेजार तेरा
तू दिल तूयों जान मेरी
मैं तेनु समझावां की
ना तेरे बिना लागदा जी
वे चंगा नहियों कीता बीवा
वे चंगा नहियों कीता बीबा
दिल मेरा तोड़ के
वे बड़ा पछताइयां आखाँ
वे बड़ा पछताइयां आखाँ
नाल तेरे जोड़ के
वे चंगा नहियों कीता बीबा
दिल मेरा तोड़ के
वे बड़ा पछताइयां आखाँ
वे बड़ा पछताइयां आखाँ
नाल तेरे जोड़ के
तेनु छड्ड के कित्थे जावां
तू मेरा परछांवा
तेरे मुखड़े विच ही मैं तां
रब नु अपने पावां
मेरी दुआ हाय
सजदा तेरा करदी सदा
तू सुन इक़रार मेरा
मैं करूँ इंतज़ार तेरा
तू दिल तुइयों जान मेरी
तू मेरा परछांवा
तेरे मुखड़े विच ही मैं तां
रब नु अपने पावां
मेरी दुआ हाय
सजदा तेरा करदी सदा
तू सुन इक़रार मेरा
मैं करूँ इंतज़ार तेरा
तू दिल तुइयों जान मेरी
मैं तेनु समझावां की
ना तेरे बिना लागदा जी
ना तेरे बिना लागदा जी
तेरा मेरा साथ रहे हो तेरा मेरा साथ रहे
तेरा मेरा साथ रहे हो तेरा मेरा साथ रहे धूप हो, छाया हो, दिन हो कि रात रहे तेरा मेरा ... ददर् की शाम हो या, सुख का सवेरा हो सब गँवारा है मुझे, (साथ बस तेरा हो) -३ जीते जी मर के भी, हाथ में हाथ रहे तेरा मेरा ... कोई वादा ना करें, कभी खाये न क़सम, जब कहें बस ये कहें, (मिल के बिछडेंगे न हम) -३ सब के होंठों पे, अपनी ही बात रहे तेरा मेरा ... बीच हम दोनो के, कोई दीवार न हो तू कभी मेरे ख़ुदा, (मुझसे बेज़ार न हो) -३ प्यार की प्रीत की यूँ ही बरसात रहे तेरा मेरा ...
Tuesday, October 30, 2018
जो भजे हरि को सदा, सोही परम पद पावेगा
जो भजे हरि को सदा, सोही परम पद पावेगा |
देह के माला, तिलक और छाप, नहीं किस काम के,
प्रेम भक्ति बिना नहीं नाथ के मन भावे |
दिल के दर्पण को सफा कर, दूर कर अभिमान को,
ख़ाक को गुरु के कदम की, तो प्रभु मिल जायेगा |
छोड़ दुनिए के मज़े सब, बैठ कर एकांत में,
ध्यान धर हरि का, चरण का, फिर जनम नही आयेगा |
द्रिड भरोसा मन मे करके, जो जपे हरि नाम को,
कहता है ब्रह्मानंद, बीच समाएगा |
देह के माला, तिलक और छाप, नहीं किस काम के,
प्रेम भक्ति बिना नहीं नाथ के मन भावे |
दिल के दर्पण को सफा कर, दूर कर अभिमान को,
ख़ाक को गुरु के कदम की, तो प्रभु मिल जायेगा |
छोड़ दुनिए के मज़े सब, बैठ कर एकांत में,
ध्यान धर हरि का, चरण का, फिर जनम नही आयेगा |
द्रिड भरोसा मन मे करके, जो जपे हरि नाम को,
कहता है ब्रह्मानंद, बीच समाएगा |
पायो जी मैंने राम रतन धन पायो
पायो जी मैंने राम रतन धन पायो |
वस्तु अमोलिक दी मेरे सतगुरु |
कृपा कर अपनायो ||
जन्म जन्म की पूंजी पाई |
जग में सबी खुमायो ||
खर्च ना खूटे, चोर ना लूटे |
दिन दिन बढ़त सवायो ||
सत की नाव खेवटिया सतगुरु |
भवसागर तरवयो ||
मीरा के प्रभु गिरिधर नगर |
हर्ष हर्ष जस गायो ||
सूरज की गर्मी से जलते हुए तन को मिल जाये तरुवर की छाया
सूरज की गर्मी से जलते हुए तन को मिल जाये तरुवर की छाया,
ऐसा ही सुख मेरे मन को मिला है, मैं जब से शरण तेरी आया, मेरे राम |
भटका हुआ मेरा मन था, कोई मिल ना रहा था सहारा |
लहरों से लगी हुई नाव को जैसे मिल ना रहा हो किनारा |
इस लडखडाती हुई नव को जो किसी ने किनारा दिखाया,
ऐसा ही सुख मेरे मन को मिला है, मैं जब से शरण तेरी आया | मेरे राम ||
शीतल बने आग चन्दन के जैसी राघव कृपा हो जो तेरी |
उजयाली पूनम की हो जाये राते जो थी अमावस अँधेरी |
युग युग से प्यासी मुरुभूमि ने जैसे सावन का संदेस पाया |
ऐसा ही सुख मेरे मन को मिला है, मैं जब से शरण तेरी आया | मेरे राम ||
जिस राह की मंजिल तेरा मिलन हो उस पर कदम मैं बड़ाऊ |
फूलों मे खारों मे पतझड़ बहारो मे मैं ना कबी डगमगाऊ |
पानी के प्यासे को तकदीर ने जैसे जी भर के अमृत पिलाया |
ऐसा ही सुख मेरे मन को मिला है, मैं जब से शरण तेरी आया | मेरे राम ||
ऐसा ही सुख मेरे मन को मिला है, मैं जब से शरण तेरी आया, मेरे राम |
भटका हुआ मेरा मन था, कोई मिल ना रहा था सहारा |
लहरों से लगी हुई नाव को जैसे मिल ना रहा हो किनारा |
इस लडखडाती हुई नव को जो किसी ने किनारा दिखाया,
ऐसा ही सुख मेरे मन को मिला है, मैं जब से शरण तेरी आया | मेरे राम ||
शीतल बने आग चन्दन के जैसी राघव कृपा हो जो तेरी |
उजयाली पूनम की हो जाये राते जो थी अमावस अँधेरी |
युग युग से प्यासी मुरुभूमि ने जैसे सावन का संदेस पाया |
ऐसा ही सुख मेरे मन को मिला है, मैं जब से शरण तेरी आया | मेरे राम ||
जिस राह की मंजिल तेरा मिलन हो उस पर कदम मैं बड़ाऊ |
फूलों मे खारों मे पतझड़ बहारो मे मैं ना कबी डगमगाऊ |
पानी के प्यासे को तकदीर ने जैसे जी भर के अमृत पिलाया |
ऐसा ही सुख मेरे मन को मिला है, मैं जब से शरण तेरी आया | मेरे राम ||
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अब लौं नसानी, अब न नसैहों।
अब लौं नसानी, अब न नसैहों। रामकृपा भव-निसा सिरानी जागे फिर न डसैहौं॥ पायो नाम चारु चिंतामनि उर करतें न खसैहौं। स्याम रूप सुचि रुचिर कस...
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पागल कहेला ना रे लोगवा पगल कहेला ना हम ता नैहर के बनि रसिलि कि लोगवा पागल कहेला ना बारह गज के चोलि सिलवइनी, साठ गज के साडी. तापर लोगवा ...
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हम त खेलत रहनी अम्माजी के गोदिया कर गइल तबहि बिआह रे बिदेसिया छवरे महिना कहिके गइले कलकतवा बीत गइल बारह बारिस रे बिदेसिया अब त लगल मोरा सो...
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yeh tanu mundana be mundana aakhir matti mein mil jana matti kahe kumhar ko be tu kyu khode mujhko koi bakht aisa aavega ki main gadhungi t...