Tuesday, November 28, 2017

ठहरे हुए पानी मे कंकर न मार सांवरे



ठहरे हुए पानी मे कंकर मार सांवरे  मन  मे हलचल सी मच जायेगी बांवरे..
ठहरे हुए पानी मे कंकर मार

तेरे लिए हु मै अनजानी
मेरे लिए है तू बेगाना
बेगाने ने अनजानी का
दर्द भला कैसा पहचाना
जो इस दुनिया ने जाना
ठहरे हुए पानी मे कंकर मार सांवरे
मन मे हलचल सी मच जायेगी बांवरे
ठहरे हुए पानी में

सब फूलो के है दीवाने
काटो से दिल कौन लगाये
भोले राही मै हु काटा
क्यो अपना दामन उलझाए
रब तुझको काटो से बचाए
ठहरे हुए पानी मे कंकर मार सांवरे
मन मे हलचल सी मच जायेगी बांवरे
ठहरे हुए पानी में

तिम्ही बताओ कैसे बसेगी
दिल के अरमानो की बस्ती
ख्वाब अधूरे रह जायेंगे
मिट जायेगी इनकी हस्ती
चलती नही है रेट पे कश्ती
ठहरे हुए पानी मे कंकर मार सांवरे मनन मे हलचल सी मच जायेगी बांवरे..
ठहरे हुए पानी में

तुम जो आए ज़िन्दगी में बात बन गई



पाया मैंने, पाया तुम्हे, रब ने मिलाया तुम्हे
होंठों पे सजाया तुम्हे, नग्में सा गाया तुम्हे
पाया मैंने, पाया तुम्हे, सबसे छुपाया तुम्हे
सपना बनाया तुम्हें, नींदों में बुलाया तुम्हे ||
तुम जो आए ज़िन्दगी में बात बन गई |
इश्क मज़हब, इश्क मेरी ज़ात बन गई ||
तुम जो आए ज़िन्दगी में बात बन गई
सपने तेरी चाहतों के, देखती हूँ अब कई
दिन है सोना और चांदी रात बन गई
तुम जो आए ज़िन्दगी में बात बन गई ||
चाहतों का मज़ा, फासलों में नहीं
छुपा लूँ तुम्हें हौसलों में कहीं
सब से ऊपर लिखा है तेरे नाम को
ख्वाइशों से जुड़े सिलसिलों में कहीं ||
ख्वाइशे मिलने की तुमसे, रोज़ होती है नई
मेरे दिल की जीत मेरी मात बन गई
तुम जो आए ज़िन्दगी में बात बन गई ||
ज़िन्दगी बेवफा है यह माना मगर
छोड़कर राह में जाओगे तुम अगर
छीन लाऊंगा मैं आसमान से तुम्हें
सूना होगा ना यह, दो दिलों का नगर ||
रौनके हैं दिल के दर पे, धड़कने हैं सुरमई
मेरी किस्मत भी तुम्हारे, साथ बन गई
तुम जो आए ज़िन्दगी में बात बन गई ||
इश्क मज़हब, इश्क मेरी ज़ात बन गई
सपने तेरी चाहतों के, देखती हूँ अब कई
दिन है सोना और चांदी रात बन गई
तुम जो आए ज़िन्दगी में बात बन गई ||

अगर आसमान तक मेरे हाथ जाते

  अगर आसमान तक मेरे हाथ जाते
    तो कदमो मैं तेरे सितारे बिछाते
    अगर आसमान तक मेरे हाथ जाते
    तो कदमो मैं तेरे सितारे बिछाते
    कही दूर परियो की नगरी मैं चल कर
    मोहब्बत का एक आशियाना बनाते

    अगर आसमान तक मेरा हाथ जाते
    तो हम चाँदनी से राहे सजाते
    कही दूर परियो की नगरी मैं चल कर
    मोहब्बत का एक आशियाना बनाते
    अगर आसमान तक मेरे हाथ जाते
    तो कदमो मैं तेरे सितारे बिछाते

    यहा पर वाहा पर बिखेरेंगे कालिया
    महकती रहेगी ये फूलो की गलिया
    यहा पर वाहा पर बिखेरेंगे कालिया
    महकती रहेगी ये फूलो की गलिया
    ये ज़िल मिल करेरी रेशमी से नज़ारे
    चलेंगे यहा धड़कनो के इशारे
    चलेंगे यहा धड़कनो के इशारे

    तो किरणों का आँगन मैं पेहरा बिठाते
    अगर आसमान तक मेरे हाथ जाते

    यहा सिर्फ़ बरसे वाफाओ के बदल
    भिगो के हम को ये कर देंगे पागल
    यहा सिर्फ़ बरसे वाफाओ के बदल
    भिगो के हम को ये कर देंगे पागल

    यहा हम बहारो की चादर बिछाए
    मोहब्बत की खुशबू यहा पर लुटाए
    मोहब्बत की खुसबू यहा पर लुटाए
    खुशियो के पंछी यहा हम उड़ते
    अगर आसमान तक मेरे हाथ जाते

    कही दूर परियो की नगरी मैं चल कर
    मोहब्बत का एक आशियाना बनाते
    अगर आसमान तक मेरा हाथ जाते
    तो हम चाँदनी से राहे सजाते
    तो कदमो मैं तेरे सितारे बिछाते
    तो हम चाँदनी से राहे सजाते
   तो कदमो मैं तेरे सितारे बिछाते।

अब लौं नसानी, अब न नसैहों।

अब लौं नसानी, अब न नसैहों। रामकृपा भव-निसा सिरानी जागे फिर न डसैहौं॥ पायो नाम चारु चिंतामनि उर करतें न खसैहौं। स्याम रूप सुचि रुचिर कस...