तुझे सूरज कहूँ या चंदा, तुझे दीप कहूँ या तारा
मेरा नाम करेगा रोशन जग में
मेरा राज दुलारा
मैं कब से तरस रहा था, मेरे आँगन में कोई खेले
नन्ही सी हँसी के बदले, मेरी सारी दुनिया ले ले
तेरे संग झूल रहा है मेरी
बाहों में जग सारा
आज उंगली थाम के तेरी, तुझे मैं चलना सिखलाऊँ
कल हाथ पकड़ना मेरा जब मैं बूढ़ा हो जाऊँ
तू मिला तो मैने पाया, जीने का नया सहारा
मेरे बाद भी इस दुनिया में, ज़िंदा मेरा नाम रहेगा
जो भी तुझ को देखेगा, तुझे मेरा लाल कहेगा
तेरे रूप में मिल जाएगा, मुझ को जीवन दोबारा
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